मीडिया की भाषा (Media language)
आज जनसंचार के विभिन्न माध्यमों के कारण अत्यंत छोटी घटना क्षणभर में ही विश्व पटल पर प्रसरित हो जाती हैं। यह मीडिया की ही देन मानी जाएगी जिसका विकास निरंतर हो रहा है। मीडिया संचार शब्द का ही पर्याय है जिसके लिए अंग्रेजी मास कम्युनिकेशन शब्दों का प्रयोग आज तेजी के साथ सुना जा सकता है। वस्तुत: जन के लिए प्रयुक्त होने के कारण हो संस्कृत के चर धातु से निष्पन्न संचार जन के साथ मिलकर जनसंचार बना है जो मास कम्युनिकेशन का ही हिंदी रूपांतर हैं।
मीडिया के लिए अपेक्षित तत्वों के संदर्भ में अमेरिकन mangement एसोसिएशन की विचार प्रस्तुति यहां दृष्टव्य है।
संचार माध्यम के आवश्यक तत्त्व है । सत्यता का आधार , संशिप्तता, रोचक प्रस्तुति, उद्देश्य की पूर्णता, पूरक कार्य, जनसमूह की प्रतिक्रिया के प्रति जागरूकता , निरंतरता और जनसमूह के संस्कार तथा दृष्टिकोण का महत्व।
आज मीडिया के वैवाहरता दो प्रकार मान्य है।
1. प्रिंट मीडिया:
जिन सूचनाओं अथवा विचारों का प्रसारण रूप में होता हैं, वह प्रिंट मीडिया कहलाती हैं। जैसें : समाचार पत्र, पत्रिकाएं आदि।
2. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया:
जिन सूचनाओं अथवा विचारों का प्रसारण, मुद्रित, श्रवण, दृश्य संचार साधन के विकसित इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा होता हैं वह इलेक्ट्रोनिक माध्यमों द्वारा होता हैं। वह इलेक्ट्रोनिक मीडिया कहलाता हैं। जैसे रेडियो, टेलीविजन, कंप्यूटर आदि।
तकनीकी विकास का सबसे बड़ा प्लेटफार्म आजकल सोशल मीडिया बन गया है। सोशल मीडिया के साधन हैं एप , गूगल, इंटरनेट, व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, ईमेल आदि। इन माध्यम से डाटा इस्तेमाल का क्षेत्र बढ़ा हैं। लेकिन सोशल मीडिया की भाषा आजकल अफवाह फैलाने का काम अधिक कर रही हैं। इस पर कई तरह के दाएं दिखाए जाते हैं जो सच की बजाए झूठे या फेक होते हैं।
मीडिया के उपयुक्त प्रकार के लिए होने वाली भाषा काफी भिन्नता लिए होती हैं। प्रिंट मीडिया की भाषा साहित्यकता लिए हुई सरल, स्वाभाविक, संतुलित एवम मर्यादित होती है ।
वहां इलेक्ट्रोनिक मीडिया की भाषा बोलचाल हिन्दी के अनुरूप होने के कारण अत्यंत सरल , एवम् सुस्पष्ट तो होती ही हैं उच्चारण भंगिमा दृश्यों को अत्यंत जीवंतता के साथ प्रस्तुत कर देती है। इसमें भाषा का श्रोता वर्ग के अनुरूप होने की आयश्यकता पर सर्वाधिक बल दिया जाता हैं। इसके अंतर्गत प्रदर्शित होनेवाले पत्रों के हाव भाव संप्रेषण में काफी सहायक होते हैं।
1. मीडिया की भाषा सरल होती है। जिससे हर वर्ग के लोग आसानी से खबर को समझ सकते हैं।
2. प्रिंट मीडिया की भाषा में प्रसंगानुकुलता का गुण विद्यमान होता हैं।
3. प्रिंट मीडिया की भाषा में संक्षिप्तता एवम सत्यता के गुण विद्यमान होते हैं।
4. प्रिंट मीडिया की भाषा संयत होती हैं।
5. प्रिंट मीडिया की भाषा में अनावश्यक विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं होती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भाषा की विशेषताएं
1. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखने और सुनने का माध्यम गृहित होते हैं। जैसे रेडियो टेलीविजन आदि। इसमें प्रस्तुत होने वाले कार्यक्रम सरल और साफ सुथरा रहता है।
2. दृश्य सर्व्य माध्यमों की भाषा श्रोता दर्शक वर्गों के अनुरूप होने के साथ साथ काफी चुस्त होती हैं।
3. देखने और सुनने माध्यमों से प्रस्तुत होने वाले समाचार आदि की भाषा में सयम्म एवम स्वाभाविकता पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं।
4. देखने और सुनने माध्यमों में पत्रों के हाव भाव , उतार चढ़ाव, उच्चारण भंगिम द्वारा दृश्यों का अनुमान तक करा दिया जाता हैं जिस कारण भाव संप्रेषण में कहीं कोई बाधा नहीं आती हैं।