India's contribution in the field of science ( विज्ञान के क्षेत्र में , भारत का योगदान)
हमारा देश भारत ऋषि और संतो की जन्मभूमि रहा है प्राचीन काल में ही यहां ऐसे सिद्धांत रख दिए गए। जिनके दम पर आधुनिक काल के वैज्ञानिक बड़े - बड़े अविष्कार को अंजाम दे रहें है।
कई शताब्दी पहले ही भारत में विज्ञान और तकनीकी से संबंधित प्रयोगशाला का निर्माण हो चुका था। बहुत लंबे समय से भारत विज्ञान के क्षेत्र में आगे रहा हैं। ।
अब हम जानेंगे भारतीयों द्वारा विज्ञान के क्षेत्र दिए गए योगदान। जो इस प्रकार है।
1. प्राचीन काल
प्राचीनकाल में हमारे देश में कई विज्ञानिको का जन्म हुआ ।
जैसे: आर्यभट्ट, भास्कर प्रथम, सुश्रुत,हुलायुध आदि।
इनमें से हम एक वैज्ञानिक की चर्चा करेंगे । और वह
महान वैज्ञानिक , महान गणितज्ञ का नाम आर्यभट्ट है। आर्यभट्ट
को आज दुनिया में कौन नहीं जानता ।आर्यभट्ट ने सारे विश्व को शून्य दिया। हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते की 0 की खोज न हुईं होती तो हमारा जीवन कैसा रहता।
भारत के प्रथम आधुनिककाल विज्ञानिक का नाम सर जगदीश चंद्र बोस है। जिनका पहला अविष्कार crescograph है। जो पेड़ो की लंबाई चौड़ाई मापने में कार्य करती हैं।
आधुनिककाल के विज्ञानिक
प्राचीनकाल के तरह ही आधुनिककाल में भी कई विज्ञानिको का जन्म हुआ । जैसे : कलाम साहब, अनिल काकोडकर,बीरबल साहनी, प्रेमचंद पांडे आदि पर आज हम यहां ऐसे शक्सियत की बात करेगें जो महान विज्ञिनिक के साथ हमारे देश के राष्ट्रपति भी रह चूके है। उनका नाम APJ ABDUL KALAAM है। जिनका जन्म तो साधारण परिवार में हुआ पर उनकी सोच साधारण नहीं थी। उन्होंने अपने मेहनत और कड़ी लगन से पूरे विश्व में परसिद्धि पाई।
83 साल की उम्र में उन्होंने अपने जीवन का आखरी सांस लिया। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की कलम सर के नेतृत्व में भारत में अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 बनाया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापीत किया गया। और भारत इंटरनेशनल अंतरिक्ष club का member बन गया।
निष्कर्ष
प्राचीन भारत हो या आधुनिक भारत के विज्ञानीक उन्होंने अपने खोजों से केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे संसार में अपना डंका बजा दिया है।