Industrial Revolution

 Industrial Revolution (औद्योगिक क्रान्ति) 

देश में उद्योग धंधे आदि में अचानक महान परिवर्तन बिना किसी लड़ाई , झगड़े  बिना किसी के खून खराबा के होना ही औद्योगिक क्रांति कहलाती हैं। 18 वी शताब्दी के उतराध और 19 वी शताब्दी में इंग्लैंड में शिल्प और उद्योग के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी परिवर्तन हुए । प्राचीन उद्योग धंधे को नया रूप प्रदान किया गया। 1760 से 1820 के बीच यह परिवर्तन काफी तेजी के साथ हुआ। औद्योगिक क्रान्ति के फलस्वरूप अनेक वस्तुएं बड़ी बड़ी मशीनों द्वारा तैयार किया जाने लगा।  और मशीनों कारखानों को लागू करने के लिए अत्यधिक पूंजी की जरूरत हुई।
औद्योगिक क्रांति

इस युग में मशीन का परिचालन हुआ, यातायात के साधनों में वृद्धि हुई। मशीनों और भाप के इंजन के प्रयोग ने इंग्लैंड के आर्थिक ढाँचे को पूरी तरह से बदल दिया और इंग्लैंड के विभिन्न वस्तुओं के निर्माण के लिए अत्यधिक पूंजी का प्रयोग किया जाने लगा परिणाम यह हुआ कि पूंजीपति वर्ग और मजदूर वर्ग के बीच गहरी खाई उत्पन्न हो गई।

                  अतः हम यह कह सकते है कि औद्योगिक क्रान्ति का अर्थ उस परिवर्तन से है जहां घरेलू उद्योग से लेकर बड़े बड़े कारखानों तक में मशीनों द्वारा काम होने लगा।

                सबसे पहले 1783 में इंग्लैंड में होने वाले उन परिवर्तनों को टायनवी ने क्रान्ति के नाम से पुकारा। अनेक लेखक औद्योगिक क्रान्ति शब्दों को उतिच नहीं मानते और कहते है कि वास्तव में यह क्रान्ति नहीं थी क्योंकि यह परिवर्तन एकदम नहीं बल्कि धीरे धीरे हुए। औद्योगिक परिवर्तन के लिए क्रान्ति शब्द का प्रयोग किया  जाना चाहिए। इस तरह इसे औद्योगिक क्रान्ति न कहकर औद्योगिक विकास कहा जाना चाहिए। दूसरी ओर टायन्वी का विचार है की 18वी शताब्दी के उतराध यह परिवर्तन काफी तेजी से हुआ।

औद्योगिक क्रांति


औद्योगिक क्रांति सबसे पहले इंग्लैंड में ही क्यों हुई?

उत्तर:   यह प्रश्न बराबर उठता है कि यह औद्योगिक क्रांति सबसे पहले इंग्लैंड में ही क्यों हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इंग्लैंड उस समय हर वह चीज से परिपूर्ण था जो एक देश की प्रोग्रेस के लिए जरूरी होता हैं। इंग्लैंड में सबसे पहले औद्योगिक क्रान्ति हुई । जिसका कारण निम्न है। जिसकी चर्चा हम संक्षेप में करेंगे।

1. कोयले और लोहे का समीप होना:  

इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम में लोहे और कोयले की खानें साथ साथ थी। इन दोनों वस्तुओं को एक साथ होने से देश के औद्योगिककरण में अत्यधिक योगदान मिला।
 

2. कृषि आंदोलन के बेकार मजदूरों को कारखाने में स्थान: 

इंग्लैंड में कृषि आंदोलन औद्योगिक क्रांति से पहले ही हो चुका था। उसमें जो मजदूर बेकार हो गए थे। वहीं मजदूर सस्ती मजदूरी दर पर काम करते थे कारखानों में। जिससे पूंजीपतियों को लाभ होने लगा। 

3. देश की अतिरिक्त पुंजी: 

उस समय इंग्लैंड में अत्यधिक पूंजी अत्यधिक मात्रा में थी। 18वी शताब्दी में इंग्लैंड का बिजनेस बहुत अधिक बढ़ गया । और वह एक धनवान देश बन गया। इस बढ़ी हुई पूंजी ने कारखाने के खुलने में मदद की। 

4. देश में शांति व्यवस्था:


औद्योगिक क्रांति के लिए देश में शांति होना जरूरी होता हैं। उस समय इंग्लैंड में पूर्ण रूप से शान्ति थी। और इस कारण औद्योगिक क्षेत्र में बहुत तेज़ी से उन्नति हुईं। 
औद्योगिक क्रांति



5. माल़ की खपत के लिए बाजारों का होना: 

इस समय इंग्लैंड के अधीन अपनी बस्तियां थी। जहां उनके माल की खपत आसानी से हो जाती थी। बस्तियों में जो कच्चा माल उत्पन्न होता था ।उसे इंग्लैंड से प्राप्त कर सकता था। परिणाम यह हुआ कि इन बस्तियों में तैयार माल इंग्लैंड जाने लगा। इस तरह  माल का खपत बढ़ गया।


अतः किसी भी देश की प्रोग्रेस तरक्की तभी संभव है। जब उस देश में शांति व्यवस्था कायम हो। इंग्लैंड की प्रगति इसलिए औद्योगिक क्षेत्र में हुई। क्योंकि वहां के लोग शिक्षित और सुलझे हुए थे। जो अपने देश को नए आयाम तक ले गए।

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