Lithium availability in India (भारत में लिथियम की उपलब्धता )
लिथियम क्या है
लिथियम, 1817 में स्टॉकहोम में जे जे बर्जेलियस की प्रयोगशाला में जे. अगस्त अरफवेडसन द्वारा एक चट्टानी ("लिथोस") खनिज, पेटलाइट में खोजा गया था
लिथियम एक गैर-लौह अयस्क है. यह चांदी की तरह दिखने वाला एक पत्थर होता है जो काफी मुलायम होता है. इसकी सघनता बहुत ही कम होती है. हालांकि, यह काफी प्रतिक्रिया करता है यानी बाकी के रासायनिक तत्वों से मिलने के बाद इसकी क्रिया शुरू हो जाती है. इसीलिए इसे काफी सुरक्षित तरीके से रखा जाता है. इसे सुरक्षित रखने के लिए मिट्टी के तेल या मिनरल वॉटर का भी इस्तेमाल किया जाता है।
कहां काम आता है लीथियम?
लीथियम का सबसे बड़ा इस्तेमाल बैटरियां बनाने में होता है. लीथियम की वजह से कई देशों में प्रतिस्पर्धा चल रही है. भारत में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, बैटरियों के महंगे होने की वजह से ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत ज्यादा है. ऐसे में अगर भारत खुद लीथियम का उत्पादन कर पाएगा तो गाड़ियां काफी सस्ती हो जाएंगी।
लिथियम के गुण.
2. यह एक नरम तथा चाँदी के समान सफेद धातु है।
3. मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है।
4. यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है, अत: इसे खनिज तेल के रूप में संग्रहीत किया जाना चाहिए।
5. यह क्षारीय एवं एक दुर्लभ धातु है।
अनुप्रयोग
लिथियम धातु का अनुप्रयोग उपयोगी मिश्रित धातुओं को बनाने में किया जाता है।
उदाहरण के लिये मोटर इंज़नों में सफेद धातु की बियरिंग बनाने में, एल्युमीनियम के साथ विमान के पुर्जे बनाने तथा मैग्नीशियम के साथ आर्मपिट प्लेट बनाने में।
थर्मोन्यूक्लियर अभिक्रियाओं में।
विद्युत-रासायनिक सेल के निर्माण में, बिजली के वाहन, लैपटॉप आदि के निर्माण में लिथियम एक महत्त्वपूर्ण घटक है।